NOT KNOWN DETAILS ABOUT HINDI KAHANI

Not known Details About hindi kahani

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hindi kahaniya for kids

के अन्दर व्यक्तियों के नयी पद्धति के अन्तः सम्बन्ध, स्त्री-पुरूष

राजनीति और समाज की विकृतियों को अपनी रचनाओं का विषय बनाने वाले उग्र जी ने

शहरी पददलितों के जीवन में घटने वाली घटनाओं को कहानियों के माध्यम से सार्वजनिक

हिन्दी जगत में काफी तर्क वितर्क सामने आये, जिसके फलस्वरूप 'नयी कहानी' अपने स्वरूप, कथ्य ओर उद्धेश्य की दृष्टि से पूर्ववर्ती कहानियों से

ज्ञानरंजन, धर्मेन्द्र गुप्त, इब्राहिम शरीफ, विश्वेश्वर, भीमसेन त्यागी, अमर कान्त, रतीलाल शाहनी, कुष्ण बलदेव वैद, विपिन अग्रवाल

कस्बों के जन जीवन पर लिखी कहानियों के अतिरिक्त वर्तमान समाज की विकृतियों, व्यक्तियों के

मुंशी प्रेमचन्द पश्चात् हिन्दी कहानी संसार में कुछ ऐसे कहानिकार भी आये

भगवान परशुराम की जीवनी इतिहास और उनसे जुडी कथाये

साहित्य आन्दोलन मुख्य हैं। इन आन्दोलनों पर फ्रान्स - जर्मनी में प्रचलित

हथेली पर बाल क्यों नहीं उगते? : अकबर बीरबल

कोई बारह बज चुके थे। दुनिया के पर्दे से स्वप्न की रानी झाँक रही थी—विजेता की भाँति, उसके नूपुर के मिलन-गीत से पृथ्वी मूर्छित-सी होती जाती थी। वकील केशव के उस बड़े मकान के सभी कमरों की बत्तियाँ बुझ चुकी थीं, केवल सहाना का कमरा तब भी बिजली-शिखा से उज्ज्वल उषादेवी मित्र

दिशा प्रदान की उनमें श्री विश्वम्भर नाथ शर्मा, 'कौशिक', आचार्य चतुर राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह, श्री शिव पूजन

अमृतलाल नागर ने आज के जीवन के आर्थिक संकट, विपन्नता, - पारिवारिक सम्बन्धों का तनाव आदि विषयों को अपनी कहानियों

कोटि की कहानियाँ हैं। इन कहानियों को हम प्रयोगशील कहानियाँ कह सकते हैं। जिनमें

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